Sarkari doctors hadtal pe, Jholachap doctors association ne dia samarthan
नवम्बर की 6 तारीख से राजस्थान प्रदेश के सभी सेवारत चिकित्सको ने सामूहिक इस्तीफा सरकार को दे दिया है और सभी अपनी नोकरी छोड़ कर घर चले गये है । मामला सेवारत चिकित्सको की 6 वर्षो से लंबित जायज मांगो का है जो की प्रशाशन की गेरजिम्मेदारी के कारण अभी तक क्रियान्वित नहीं हुई है । चिकित्सक पिछले 100 दिनों से गाँधीवादी तरीके से सरकार से अपनी मांगो पर क्रियान्विति की गुहार कर रहे थे पर सरकार के कानो पर जू तक नहीं रेंगी ।
8000 से अधिक सेवारत चिकित्सको के स्तीफा दे देने से प्रदेश की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गयी । मनानिये चिकित्सा मंत्री एवं कुछ वरिष्ट आला अफसरों से वार्ता करने पर उन्होंने कहा की डॉक्टर के ना होने पर सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था कर दी है व प्रदेश के मरीजो को कोई कस्ट नहीं होगा , एक सचिव महोदय ने तो यहा तक कहा की डॉक्टर्स की हड़ताल से सरकार को कोई फरक नहीं पड़ता । वैकल्पिक व्यवस्थाओ का विस्तार मंगने पर विभाग ने बताया की सभी सरकारी अस्पतालों पर आयुष डॉक्टर एवं मेडिकल स्टूडेंट्स व इंटर्न को लगाने के आर्डर भेज दिए गये है । हमारे संवाददाताओ के अलग अलग जगह से प्राप्त सूचना के अनुसार सरकार की व्यवस्था अपूर्ण महसूस हुई । इसका कारण आयुष चिकित्सको की कम संख्या एवं अलोपथी में दवा लिखने की अनुमति ना होना रहा । इंटर्न एवं स्टूडेंट्स से वार्ता पे ये पता चला की वो अभी कानूनन इलाज नहीं कर सकते और अभी तक उनकी training भी पूरी नहीं हुई है एसे में सरकार का स्टूडेंट्स को PHC पर इलाज के लिए कहना बेहद हास्य प्रद है और सभी स्टूडेंट्स ने इस आदेश को कान पे उड़ा दिया है ।
इन सभी इन्जमतो को देख कर एसा प्रतीत होता है की सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था केवल प्रचार के लिए की है ना की मरीजो को रहत देने के लिए । अलग अलग स्थानों से आती हुई खबरों में हालत बहुत ही ख़राब है , कई जगह लगाये गये वैकल्पिक चिकित्सक गंभीर रोगीओ का सही इलाज नहीं कर पा रहे तो कही उन्होंने पोस्टमॉर्टेम और MLC की जानकारी ना होने का हवाला देकर ये कार्य करने से मना कर दिया । एक खबर तो यहाँ तक आई कि गाँव के तहसीलदार साहब ने एक झोलाछाप को ही अस्पताल में बिठा दिया , गाँव वालो को इस मामले में कुछ गोल मोल होने का शक है । इस पर एक सज्जन ने तो सरकार को ट्वीट करते हुए कहा की “RAS को IAS बनाया जा सकता है पर किसी को उठा के डॉक्टर नहीं बनाया जा सकता” । ऐसा प्रतीत होता है की चिकित्सा मंत्री चुनने में सरकार से कुछ गलती हो गयी है । कुछ खुफिया सूत्रों से ये भी पता चला है की HM जरुरत पड़ने पर पशु चिकित्सको को भी CHC / PHC पर लगाने की सोच रही है ।
सरकार की एसी विषम परिस्तिथि देख कर झोलाछाप डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सरकार को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की । अध्यक्ष मोहदय ने अपने पत्र में लिखा कि “झोलाछाप डॉक्टर्स एसोसिएशन सरकार को इस विषम परिस्तिथि में पूरा सहयोग देने का एलान करती है और प्रदेश के सभी झोलाछाप डॉक्टर्स सरकारी अस्पतालों में सरकार की निश्चित की गयी दरो पर कार्य करने को तैयार है ।” हमारे संवाददाता इस बात की पुष्टि करने पहुची और इस समर्थन का कारण पूछने पर अध्यक्ष ने कहा कि सरकार हमेशा हम झोलाछाप लोगो के पक्ष में रही है और हमारे खिलाफ कार्यवाही ना करके हमारा साथ देती आई है , इसलिए एसे समय में हमारा ये कर्तव्य बनता है कि हम सरकार की मदद करें । और फिर इन सेवारत लोगो ने हमारे खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग रख दी है जो हमारे हितो के विपरीत है , एसे में हम चिकित्सको के खिलाफ सरकार को समर्थन देना चाहते है । ये पूछने पर की 8000 चिकित्सको का कार्य क्या उनका एसोसिएशन संभल लेगा , पर कहा की भारत में 58% से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर्स है , अब तो WHO ने भी हमारा स्पेशल कवरेज किआ है (यहाँ पढ़े) , इसलिए हम आसानी से पुरे राजस्थान की व्यवस्था संभल लेंगे , उन्होंने आगे कहा की एक MBBS को डॉक्टर बनाने में कठिन PMT फिर 6.5 साल की मेहनत करनी पड़ती है पर हम २-३ महीने में ही एक झोलाछाप चिकित्सक बना लेते है , इसलिए अगर सरकार चिकित्सको की मांगे नहीं मानाने का निर्णय लेती है तो हम ३ महीने में और ज्यादा झोलाछाप सरकार को उपलब्ध करा देंगे ।
हमारे संवाददाता ने उनसे पुचा की हजारो तरह की बीमारी व दवाइयां होती है, क्या आपके झोलाछाप साथियों को इनकी जानकारी है , इस पर उन्होंने कहा की “पहली बात तो ये की सरकार की अब तक की नीतियों को देख कर तो एसा नहीं लग रहा की वो मरीजो की एंड बीमरिओ की कोई परवाह कर रही है, और जहां तक हमारी जानकारी की बात है तो हम लोग चिकित्सको से भी कहीं अच्छे से इलाज करते है , जहां एक पड़ा लिखा डॉक्टर बीमारी को देखते हुए और मरीज की स्तिथि को देखते हुए कम से कम दवाइयों में इलाज करना चाहते है, जिससे कई बार अनभिज्ञ मरीज भी संतुष्ट नहीं होते है, वहीँ हम मरीजो के चाहने पर हर एक चीज़ के लिए इंजेक्शन लगा देते है, जिसमे एंटीबायोटिक , स्टेरॉयड और दर्द की दवाई का कॉकटेल होता है जिससे तुरंत ही मरीज को आराम आ जाता है और वो खुश हो जाता है । इस पर हमने पुछा की क्या ये मरीजो के लिए गलत नहीं है और आपके ऊपर कोई परेशानी नहीं आ सकती? उस पर उन्होंने स्पस्ट किआ की गलत सही का हमारे ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होती है किसी भी कानून के अन्दर , सभी कानून केवल पड़े लिखे डॉक्टर्स के लिए होते है , और मरीज तो भोले होते है , कुछ हो जाये तो भी उन्हें हम आसानी से पटा लेते है ।
तो अब राजस्थान सरकार पर एसी स्तिथि आ गयी है – एसा लग रहा है हमारी ________ सरकार के झोलाछाप डॉक्टर्स (रिक्त स्थान भरे और हमें comments में बताये )